हिमवाणी
मंडी: पधर ब्लॉक में पांच लाख रुपये की लागत से भवन बनने वाले अंबेदकर भवन की बंदरबांट का पर्दाफाश हो गया है। नियमों के मुताबिक प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में अंबेदकर भवन हरिजन बस्ती में ही बनने की शर्त है, लेकिन पधर ब्लॉक की कुफरी पंचायत के प्रधान ने सरकार की इस शर्त को दरकिनार कर नियमों के विपरीत राजस्व गांव कुफरी में अंबेदकर भवन का निर्माण कार्य शुरु कर दिया था। यहां तक कि इस भवन के निर्माण के लिए अढ़ाई लाख रुपये की पहली किस्त भी पंचायत को जारी हो गई थी और पंचायत प्रधान ने अपने दबदबे के चलते अपने घर के पास अंबेदकर भवन के लिए नींव तक भर दी।
रविदास युवक मंडल रोपड़ू ने इस बारे में बीडीओ पधर से शिकायत की और एसडीएम पधर को भी ज्ञापन सौंपा। इस पर भी कोई समाधान न निकलने पर युवक मंडल के कार्यकर्ताओं ने डीसी मंडी से शिकायत की और मांग की कि इस बारे में निष्पक्ष जांच कर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने के आरोपी पंचायत प्रतिनिधि के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। इस शिकायत पर डीसी मंडी ने बीडीओ पधर को जांच के आदेश दिए।
जांच के दौरान पंचायत प्रधान पदम सिंह का तर्क था कि लागधार जहां हरिजन बस्ती है, वहां अंबेदकर भवन बनाने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। जांच करने पर पता चला कि लागधार में अंबेदकर भवन के लिए ज़मीन उपलब्ध होने के बावजूद कुफरी में अंबेदकर भवन का निर्माण कार्य शुरु कर दिया। जांच के बाद डीसी मंडी की ओर से अंबेदकर भवन कुफरी की बजाए लागधार में बनाने के आदेश जारी किए हैं। अंबेदकर भवन के लिए मिली पहली किस्त में से जितने पैसे कुफरी में भवन बनाने पर खर्च हुए है, उनकी रिकवरी के लिए भी ज़िला प्रशासन की ओर से कवायद शुरु हो गई है।