BJP ministers criticise Virbhadra on Rs 3-crore grant to D’Sala

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HimVani

Dharamsala: Irrigation and public health minister Ravinder Singh Ravi and industries minister Kishan Kapoor in a joint statement today said that Union minister Virbhadra Singh’s allegations on providing Rs 3 crore for hosting IPL matches at Dharamsala were “totally baseless, false and mischievous”.

The ministers said that it had been made clear that Rs 3 crore had not been sanctioned for the IPL matches but for creating civic amenities and infrastructure at Dharamsala. “Since players and other dignitaries from within and outside the country were supposed to visit Dharamsala, it was but natural that they take good impression about the place,” they said.

They ministers added: “It is unfortunate that Virbhadra Singh has become habitual of criticizing the state government by making issues from non-issues with ulterior political motives, which does not behoove of a person who had remained Chief Minister of the state for years.”

Meanwhile, Himachal Pradesh state committee of the CPIM also deplored the state government for “gifting” a sum of Rs 3 crore to HPCA for holding IPL matches in Dharamsala. “It is quite shocking that when the state government is continuously crying for help to deal with resource crunch, giving Rs 3 crore to HPCA is indigestible,” Tikender Singh Panwar, member, state secretariat of  CPIM, said.

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  1. अगर देश के 10 -2 हजार लोग क्रिकेट का खेल न्यूनतम 72 घंटे तक देखते हैं तो देश के एक लाख च्वालिश हजार घंटे बर्बाद होते हैं और अगर एक ब्यक्ति दिन का एक हजार रूपये कमाता है तो देश का एक दिन का दो करोड़ रुपये का नुकसान होता है ३ दिन में देश का 6 करोड़ नुकसान होता है . और पैसा कौन कमा रहा है चंद लोग .

    है न पैसे कमाने कि मशीन.

    भारत सरकार स्पस्टीकरण :

    भारत सरकार का IPl से कोई लेना देना नहीं है ये निजी कम्पनियों की जिमेदारी है .

    सुरक्षा : अगर खेल और खिलाडियों की जिमेदारी IPL ने ली है तो सरकार क्यों खिलाडियों की सुरक्षा की जिम्नेदारी ले . क्यों सरकार खेल के नाम पर पैसा बहा रही है . IPL सरकार को खिलाडियों की सुरक्षा का पैसा क्यों नहीं दे रहा है . जो पैसा सरकार इप्ल के नाम पर खर्च कर रही है क्या उससे देश के हॉस्पिटल नहीं बनाये जा सकते ? क्या उससे लोगों को रोजगार नहीं दिया जा सकता ? एक इप्ल के लिए पुरे प्रदेश का पैसा दाव पर लगा लिया जाता है ?

    क्यों की : वहां सरकार के कुछ रिश्तेदार बैठे हैं और काले धन की इन्वेस्टमेंट के लिए मौके मिल रहे हैं जिससे बैठे-२ पैसा बन रहा है .
    देश के लोगों से मेरा प्रश्न :
    मान लिया जाये यह एक मनोरंजन का साधन है और इसका खुमार आपके सर चढ़ कर बोल रहा है मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन IPL ने कितने हॉस्पिटल , कितने स्कूल ,कितनी सड़के लोगों के लिए बनाये हैं जिस की आप लोगों को जरूरत है जबकि वह आप लोगों के सर पर पैसा बना रहा है और चूस रहा है .क्या वे अपनी सामाजिक जिम्मेवारी को सही निभा रहे हैं मैं कहता हूँ नहीं

    क्यों अपने आप को अपने देश के लोगों के हाथ कंगाल बना रहे हो

    वास्तविक खेल : फूटबाल, हॉकी , तीरंदाजी, मुक्केबाजी, कुस्ती ,टेनिस .बद्मिन्तों, बालीबाल,बास्केट बल , तैराकी, दौड़ ,कब्बडी आदि यह असली खेले हैं जिसमें आदमी का दमखम लगता है .

    खिलाडियों का शोषण : यही नहीं देश का शोषण हो रहा है उन खिलाडियों का भी शोषण हो रहा है जो की इस समय शीर्ष पर बैठे हैं अगर खेल हार जाते है तो उनके उपर मानसिक दबाब बनाया जाता है तो कभी उनको बूढ़े शेर की संज्ञा देते हैं .

    व्यापारिक तौर पर खेल का दुरूपयोग : यह एक व्यापार बन चूका है इसमें न खिलाडी है न खेलने वाले इसमें कौन बैठे है पैसे के दलाल जो कभी पैसे के लिए कुछ भी खरीद लेते हैं .

    खेल की भावना : खेल की भावना तभी दिखाई देती है जब कोई एक देश दुसरे देश के साथ खेल रहा होता है बाकि और कोई नहीं है .

    निवेदन : अपने देश को खेल के नाम पर न कंगाल बनने दें न IPL देखें कितने ऐसे लोग है जिनकी आपको जरूरत है जरा हाथ बढ़ा कर देखो वो तुम्हारा साथ देंगे

    ©2009 Google/knol.google

  2. अगर देश के 10 -2 हजार लोग क्रिकेट का खेल न्यूनतम 72 घंटे तक देखते हैं तो देश के एक लाख च्वालिश हजार घंटे बर्बाद होते हैं और अगर एक ब्यक्ति दिन का एक हजार रूपये कमाता है तो देश का एक दिन का दो करोड़ रुपये का नुकसान होता है ३ दिन में देश का 6 करोड़ नुकसान होता है . और पैसा कौन कमा रहा है चंद लोग .

    है न पैसे कमाने कि मशीन.

    भारत सरकार स्पस्टीकरण :

    भारत सरकार का IPl से कोई लेना देना नहीं है ये निजी कम्पनियों की जिमेदारी है .

    सुरक्षा : अगर खेल और खिलाडियों की जिमेदारी IPL ने ली है तो सरकार क्यों खिलाडियों की सुरक्षा की जिम्नेदारी ले . क्यों सरकार खेल के नाम पर पैसा बहा रही है . IPL सरकार को खिलाडियों की सुरक्षा का पैसा क्यों नहीं दे रहा है . जो पैसा सरकार इप्ल के नाम पर खर्च कर रही है क्या उससे देश के हॉस्पिटल नहीं बनाये जा सकते ? क्या उससे लोगों को रोजगार नहीं दिया जा सकता ? एक इप्ल के लिए पुरे प्रदेश का पैसा दाव पर लगा लिया जाता है ?

    क्यों की : वहां सरकार के कुछ रिश्तेदार बैठे हैं और काले धन की इन्वेस्टमेंट के लिए मौके मिल रहे हैं जिससे बैठे-२ पैसा बन रहा है .
    देश के लोगों से मेरा प्रश्न :
    मान लिया जाये यह एक मनोरंजन का साधन है और इसका खुमार आपके सर चढ़ कर बोल रहा है मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन IPL ने कितने हॉस्पिटल , कितने स्कूल ,कितनी सड़के लोगों के लिए बनाये हैं जिस की आप लोगों को जरूरत है जबकि वह आप लोगों के सर पर पैसा बना रहा है और चूस रहा है .क्या वे अपनी सामाजिक जिम्मेवारी को सही निभा रहे हैं मैं कहता हूँ नहीं

    क्यों अपने आप को अपने देश के लोगों के हाथ कंगाल बना रहे हो

    वास्तविक खेल : फूटबाल, हॉकी , तीरंदाजी, मुक्केबाजी, कुस्ती ,टेनिस .बद्मिन्तों, बालीबाल,बास्केट बल , तैराकी, दौड़ ,कब्बडी आदि यह असली खेले हैं जिसमें आदमी का दमखम लगता है .

    खिलाडियों का शोषण : यही नहीं देश का शोषण हो रहा है उन खिलाडियों का भी शोषण हो रहा है जो की इस समय शीर्ष पर बैठे हैं अगर खेल हार जाते है तो उनके उपर मानसिक दबाब बनाया जाता है तो कभी उनको बूढ़े शेर की संज्ञा देते हैं .

    व्यापारिक तौर पर खेल का दुरूपयोग : यह एक व्यापार बन चूका है इसमें न खिलाडी है न खेलने वाले इसमें कौन बैठे है पैसे के दलाल जो कभी पैसे के लिए कुछ भी खरीद लेते हैं .

    खेल की भावना : खेल की भावना तभी दिखाई देती है जब कोई एक देश दुसरे देश के साथ खेल रहा होता है बाकि और कोई नहीं है .

    निवेदन : अपने देश को खेल के नाम पर न कंगाल बनने दें न IPL देखें कितने ऐसे लोग है जिनकी आपको जरूरत है जरा हाथ बढ़ा कर देखो वो तुम्हारा साथ देंगे

    ©2009 Google/knol.google

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