हेमंत शर्मा
शिमलाः शिमला क्षेत्र के घणाहट्टी से लगती शामलाघाट ग्राम पंचायत में पेयजल संकट गहरा गया है। क्षेत्र के लोगों का रोष है कि आईपीएच के अधिकारी इस समस्या से निजात दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इस बारे में कई बार ग्रामीणों ने इस संबंध में विभाग को अवगत करवा चुके है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। उनका आरोप है कि पंचायत के च्यावग, दोची, ठाकुरद्वारा, दैशड़ी, कुफरी, कुटेड़, मंझलागांव आदि गांवों के लोग तीन किलोमीटर दूर से लोग पानी ढोकर ला रहे हैं। इससे उनको आए दिन आईपीएच के सौतेले व्यवहार के चलते दो-चार होना पड़ता है।
गांववासी नंदलाल, श्यामलाल, प्रेम चंद, रामलाल, आसाराम, विनोद शर्मा, सहजराम, हेमचंद आदि लोगों ने आरोप लगाया है कि आईपीएच के घणाहट्टी स्थित सहायक अभियंता को भी इस संबंध में अवगत करवाया गया है, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। रुष्ट लोगों का कहना है कि गांव में स्थित सभी प्राकृतिक स्रोत सूख चुके हैं। इस कारण उन्हें अपनी पीठ पर पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने मांग की कि विभाग प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई करें, ताकि इस समस्या से निजात मिल सके। बावजूद इसके विभाग इस ओर ध्यान नहीं देता तो ग्रामीण आंदोलन के लिए उतारू हो जाएंगे, जिसके जिम्मेदार स्वयं आईपीएच विभाग होगा।
उधर, जिला परिषद सदस्य प्रेम चंद ठाकुर ने बताया कि सहायक अभियंता को लोगों की समस्या से अवगत करवाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेगा, ताकि उनको आ रही दिक्कतें दूर हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो लोग आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि कर्मचारियों को पेयजल योजना सुचारू करने के आदेश जारी किए जाएं, ताकि लोगों की समस्या का निवारण हो सके।