खारो पुल के प्रभावितों को समुचित मुआवज़ा दिया जाएगा

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हेमंत शर्मा

शिमलाः केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ‘ऑपरेशन फ़ॉल्कन’ के तहत जिला किन्नौर के खारो पुल के प्रभावितों को सैध्दांतिक तौर पर मुआवज़ा देने पर सहमत हो गया है, ताकि जिन व्यक्तियों ने अपना कर्तव्य निभाते समय अपने जीवन का बलिदान दिया, उन्हें समुचित मुआवज़ा प्राप्त हो सके। केन्द्रीय रक्षा मंत्री ए.के. एेंथनी ने मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल को लिखे एक पत्र में यह आश्वासन दिया है कि ‘ऑपरेशन फ़ॉल्कन’ और अन्य रक्षा अभियानों को ऑपरेशन वरूण के समकक्ष रखने का मुद्दा केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के विचाराधीन है, ताकि पुल दुर्घटना के पीड़ितों को समुचित मुआवज़ा मिल सके।

मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने खारों पुल के पीड़ितों को ऑपरेशन वरूण और अन्य सैन्य अभियानों के समकक्ष मुआवज़ा देने का मुद्दा उठाया था, ताकि जो व्यक्ति अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए हैं, उनके परिवारों को समुचित मुआवज़ा मिल सके। उन्होंने कहा कि 8 सितम्बर, 2005 को सतलुज नदी में आई बाढ़ के फलस्वरूप 34 सैन्य अधिकारियों एवं जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। उन्होंने कहा कि खारो पुल के ये पीड़ित भी उन सैनिकों की तरह ही अपना कर्तव्य निभा रहे थे, जो सीमा पर अपने देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सैनिकों को भी वे सभी लाभ मिलने चाहिएं, जो विभिन्न सैन्य अभियानों में कार्यरत अधिकारियों एवं जवानों को मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि यह मामला उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री से उठाया था और समय≤ पर उनसे यह आग्रह किया था कि खारो पुल के पीड़ितों को रक्षा मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे अन्य सैन्य अभियानों के समकक्ष वित्ताीय तथा अन्य लाभ दिए जाएं । उन्होंने कहा कि खारो पुल के सभी पीड़ितों का मामला और विशेष तौर पर 18 इंजीनियर्स रैजीमैंट के स्वर्गीय लै. कर्नल अमरदीप सिंह का मामला विशेष तौर पर उन्होंने उठाया था, क्योंकि पीड़ित परिवारों को उनके बलिदान के लिए काफी कम मुआवज़ा प्रदान किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि रक्षा मंत्रालय इस मामले को ‘ऑपरेशन फ़ाल्कन’ के तहत लाने पर विचार कर रहा है और इस संबंध में निकट भविष्य में आदेश जारी किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर पीड़ित परिवारों को समुचित मुआवज़ा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री का धन्यवाद किया और आशा व्यक्त की कि अन्य पीड़ितों को भी ‘ऑपरेशन फ़ाल्कन’ के अंतर्गत लाया जाएगा, ताकि उनके परिवारों को भी मुआवज़े की बढ़ी हुई राशि मिल सके।

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