हेमंत शर्मा
शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गुरूवार को एसीए व अन्य छात्र संगठनों ने मिलकर अपनी मांगो को लेकर खोले गए मोर्चे को और हवा दी तथा वहां पर खडी विश्वविद्यालय की बसों की हवा ही निकाल डाली। आंदोलन को तेज करते हुए विवि की एससीए ने दोबारा से कुलपति को घेरने की रणनीति बनाई थी, लेकिन वीसी परिसर में नहीं पहुंच पाए।
हालांकि वीसी को घेरने की कोशिश एससीए ने बुधवार को भी की, लेकिन वीसी दोनों दिन ही विवि से गायब रहे। हैरत की बात है कि एससीए एक चयनित संगठन है, मगर विवि प्रशासन सामने आने से पूरी तरह कतराता रहा। ऐसे में विवि के भीतर छात्र आंदोलन का उग्र होना लाजिमी है। पिछले 34 दिनों से एससीए की तरफ से क्रमिक हड़ताल जारी है। गुरुवार को विश्वविद्यालय पूरी तरह से पुलिस के हवाले दिख रहा था, न तो परिसर में वीसी पहुंचे और न ही डीएसडब्ल्यू। करीब 100 पुलिस कर्मियों ने विवि परिसर में पहरा दिया आंदोलन का नजारा देखते रहे। एएसपी एके धीमान ने विवि का मोर्चा संभाला और परिसर पुलिस छावनी में तब्दील होते दिखा। विवि की एससीए ने कक्षाओं का बहिष्कार कर शिक्षा बंद किया। इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई और एक भी कक्षा लगने नहीं दी। एससीए ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन के और भी उग्र करते हुए गुरुवार सुबह से ही विवि प्रशासन की एंट्री बंद कर दी। समरहिल चौक यानि विवि गेट पर वीसी के विरुध्द खूब नारेबाजी हुई और परिसर पूरी तरह से छात्र राजनीति रंग में रंगे।
विशेष तो यह है कि वीसी प्रो. सुनील गुप्ता पिछले दो दिनों से नदारद रहे। शायद उन्हें भय था कि कहीं एससीए के साथ उलझना पड़ सके। एससीए अध्यक्ष शिखा चौहान के नेतृत्व में गुरुवार को संपूर्ण शिक्षा बंद कर छात्र राजनीति ने सबको चौंका दिया। लाइब्रेरी प्रांगण में एससीए अध्यक्ष शिखा चौहान तथा सचिव समेत अन्य पदाधिकारियों ने वीसी प्रो. सुनील गुप्ता को आडे हाथों लेते हुए कहा कि भय के मारे प्रो. गुप्ता परिसर से नदारद रहे।
शिखा चौहान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विवि प्रशासन की अराजक कार्यप्रणाली के चलते शिक्षा बंद, पहिया जाम की रणनीति बनानी पड़ी। उन्होंने विवि प्रशासन पर आरएसएस तथा भाजपा को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। एससीए अध्यक्ष शिखा चौहान के अनुसार वीसी प्रो. सुनील गुप्ता भय के मारे विवि से दो दिन नदारद रहे। हम चेतावनी दे रहे हैं कि वीसी आमने-सामने बैठकर वार्ता करें, अन्यथा कुछ भी हो सकता है। उधर एबीवीपी के प्रदेश महामंत्री नवीन शर्मा का कहना है कि विवि के भीतर एसएफआई व एससीए ने शैक्षणिक वातावरण को ठेस पहुंचाई है। यह निंदनीय बात है कि परीक्षाओं के इस दौर में शिक्षा को एसएफआई ने बंद किया।