हेमंत शर्मा
शिमलाः हिमाचल प्रदेश के पिछडे ईलाकों में पांच नए मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इन स्कूलों पर करीब 25 करोड रुपए की लागत आएगी। ऐसे में प्रत्येक संस्थान खोलने के लिए पांच-पांच करोड़ की राशि प्रस्तावित है।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश को भी करोड़ों का बजट बताया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उक्त शिक्षा नीति के मुताबिक अब 10वीं कक्षा तक के छात्र राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत आएंगे। संपूर्ण प्रदेश में शिक्षा प्रणाली को और भी सुदृढ़ करने के लिए केंद्र ने सर्वशिक्षा अभियान का नाम बदल कर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रख दिया है। इस अभियान के तहत अब हिमाचल प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र जहां पर साक्षरता दर अन्य क्षेत्रों से काफी कम है, वहां पांच मॉडल स्कूल खुलने का प्रस्ताव है।
बताया जा रहा है कि पांच मॉडल स्कूल खोलने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने केंद्र को प्रपोजल भेजा है तथा चुनावों के पश्चात स्कूल निर्माण के लिए काम शुरू होना है। सूत्रों के मुताबिक पांगी, भरमौर, सलूणी तथा शिलाई में अब विशेष स्कूल खुलेंगे। बताया गया कि मॉडल संस्थान में होस्टल सुविधा तथा सभी तरह के कोर्स शुरू होने को है। प्रदेश के इन क्षेत्रों में मॉडल स्कूल खोलने का मूल उद्देश्य यहां की साक्षरता दर को देखते हुए निर्णय लिया है। ऐसे में दूरदरज क्षेत्रों के बच्चों को भरपूर सुविधाएं मिलेंगी। विशेष तो यह है कि मॉडल स्कूल में 10 जमा 2 तक की कक्षाएं लगेंगी।
बताया गया कि अगले सत्र से पांच मॉडल स्कलों में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत चंबा जिला को चार विशेष स्कूल मिलेंगे, जबकि सिरमौर को एक से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है। प्रस्तावित मॉडल स्कूल खुलने की खुशी पर सिरमौर जिला के शिलाई की जनता ने संस्थान के लिए दान में ही जमीन दे दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछड़ा क्षेत्र शिलाई की जनता ने मॉडल स्कूल परिसर निर्माण के लिए जमीन देने का फैसला लिया है। ऐसे में यहां के बच्चे 10 जमा 2 तक अपने क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
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