शिमला में अंतर्राष्ट्रीय भौतिकी संगोष्ठी आज से शुरू

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हेमवाणी

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आज आरंभ हुई। इस संगोष्ठी में पांच अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिकों समेत देशभर से करीब डेढ़ सौ भौतिकी के अध्यापक व शोधकर्ता भाग ले रहे हैं।

जर्मनी के प्रो. एल एल्फ, प्रो. जीएच एवडोगू, फ्रांस के प्रो. पी ठाकुर, कोरिया के प्रो. एस गौतम व बैल्जियम के प्रो. एमपी चौधी भाग ले रहे हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य विषय मल्टी फंक्शनल आक्साइड मैटिरियल है। इस संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए हिप्र. विवि के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने युवाओं का आह्वान किया कि वे विज्ञान विषय में पढ़ने में अपनी रूचि बढ़ाएं ताकि वर्तमान चुनातियों को विज्ञान के नए अविषकारों व खोजों से सुगमता से सामना किया जाए। कुलपति ने बतनाया कि इस प्रकार के आयोजन करने से छात्रों में विज्ञान को समझाने और इस ओर अपनी रूचि व इच्छा बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यह विज्ञान का ही चमत्कार है कि हम अपने दैनिक उपयोग की वस्तुओं में अधिकतर विज्ञान से निकले शोध का फायदा उठाकर अपनी दिनचर्या आरंभ करते हैं। प्रो. सुनल कुमार गुप्ता ने बताया कि यह संगोष्ठी छोटे-छोटे आक्साइड मेटिरियल पर इरेडिकेशन का प्रभाव और मेटिरियल में शॉक वेब जैसी वैज्ञानिक खोजों पर गहन मंथन करेगी। उन्हाेंने बताया कि आज भौतिकी की नई-नई खोजों से बोलने, सुनने और डेटाबेस बढ़ाने के लिए इंस्ट्रूमेंट तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सेंसर स्टोरेज डिवायस, संचार उद्योग, दवा उद्योग इत्यादि फिजिक्स की नई नई रिसर्च से लाभान्वित हुआ है। कुलपति ने बताया कि विवि अनाुन आयोग से सैप के अंतर्गत पैंसठ लाख मिले हैं तथा विवि ने अपने बजट में से एक्सरे-डिप्राक्शन व इलैक्ट्रान माइक्रोस्कोपी के लिए एक करोड़ पचपन लाख दिए हैं ताकि नैनो मैटिरियल पर सही शोध विभाग द्वारा की जा सके।

भारतीय विज्ञान संस्थान के मैटिरयिल रिसर्च प्रमुख प्रो. करूणानिधि ने आक्साइड मैटरियल पर अपने विशेष संबोधन में वर्तमान में नैनो साम्री की मानवजाति के कल्याण व उसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि नैनो तकनीक से हाईटैक क्षेत्रों में मैमोरी डिवाइस, सेंसर, माइक्रइलैक्ट्र कैमिकल (एमईएमएस) बनाने में बेहतरीन परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने आक्साइड मैटिरियिल में अल्ट्रा स्माल डिवायस बनाने जिसका उपयोग सुनने के लिए सूक्षम यंत्र बनाने के साथ-साथ मोबाइल सेवाओं के लिए भी वरदान की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि नैनो तकनीक से अधिकतम दोहन कर वैज्ञानिकों ने मानव जाति के कल्याण के लिए नए युग का सूत्रपात किया है। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से आग्रह कि कि नई-नई वैज्ञानिकों की रिसर्च से सबक लेकर नैनो तकनीक के संयोजक डाक्टर महावीर सिंह ने इस आयोजन का मुख्यत: नैनो मैटिरियल पर आधारित बताया और कहा कि भौतिकी का आम आदमी के जीवन के लिए बहुत कुछ शोध करने से सुविधाएं बढ़ी है। डाक्टर नागेश ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा और डाक्टर वीर सिंह रांगड़ा व डाक्टर नैनजीत सिंह नेगी ने इस आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई अवसर पर डीन आफ स्टडीज प्रो. वेद प्रकाश शर्मा, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष व संस्थानों के निदेशक भी उपस्थित थे।

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