कालका-शिमला रेलवे के इतिहास का अंतर्राष्ट्रीष्य चैनलों पर होगा प्रसारण

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हिमवाणी

शिमलाः आने वाले दिनों में पूरी दूनिया शिमला‍‍‍‌‌‌ कालका रेलवे लाइन का इतिहास व इसकी खूबसूरती से रूबरू होगी। इसके लिए डीबीसी ने शिमला से कालका विश्व धरोहर रेल लाइन का तकरीबन 40 घंटों का वृतचित्र तैयार किया है। चार चरणों में बने इस वृतचित्र को कैमरे में कैद करके शोधकर्ताओं का एक दल निक मीटिंग ली के नेतृत्व में अमेरिका से आया हुअा था।

इसके लिए उनकी टीम को पूरा एक महीना का वक्त लगा। ली की अगुवाई में अन्य चार लोगों ने इस रेल लाइन पर शोध किया व इसके ऐतिहासिक पहलुओं तथा सुंदरता को जाना। टीम के सदस्यों ने रेलवे के पुराने लोगों व ट्रैक के आसपास रह रहे लोगों से इस बारे में बातचीत की। जानकारी के मुताबिक इससे पूर्व भी शोधकर्ता निक मीटिंग ली व उनकी टीम दार्जलिंग व उटी ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक का भी शोध कर चुकी है। शिमला कालका रेलवे मार्ग पर अध्ययन करने के पीछे अध्ययनकर्ताओं का मकसद यह जानना है कि इतने कठिन मार्ग पर पहाड़ों को काटकर किस तकनीक से इसे बनाया गया है। सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी यह रेलवे मार्ग उतनी ही मजबूद नजर आती है जैसी उस समय में थी। 96 किलोमीटर के इस रेलवे मार्ग पर 103 सुरंगे,  919 मोड़, 18 स्टेशन है। शोधकर्ता यह भी पता लगाएंगे कि इस ट्रैक पर बने पुलों में सीमेंट, रेत, कोयले के अतिरिक्त क्या-क्या पदार्थ सम्मिलत किए गए थे। रेलवे विभाग ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका से शोधकर्ता इसे प्रसारित राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय चैनलों पर प्रसारित करेंगे।

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