हिमवाणी
शिमलाः युवा कवि सुरेश सेन ‘निशान्त’ को पिछले दिनों उत्कृष्ट कविता रचना के लिए जांजगीर-छत्तीसगढ़ में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय सूत्र सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सूत्र संस्था की ओर से प्रख्यात कवि डॉ केदार नाथ सिंह द्वारा दिया गया।
सूत्र सम्मान छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक कवि ठाकुर पूर्ण सिंह की स्मृति में प्रति वर्ष किसी एक युवा कवि को दिया जाता है, जिसने अपने जनपद से जुड़ कर अपनी सृजनात्मकता और काव्य वशिष्टय से कविता को स्मृद्ध करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
निशांत (दाएँ) को पुरस्कृत करते हुए केदार नाथ सिंह
जोगिन्द्रनगर, हिमाचल प्रदेश निवासी निशान्त की अनेक राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित हुई हैं जो निरन्तर चर्चा में हैं। इससे पूर्व यह सम्मान जिन युवा चर्चित कवियों को दिया गया है उनमें एकान्त श्रीवास्तव, बसंत त्रिपाठी, अग्निशेखर, विनय सौरभ, अशोक शाह, प्रताव राव के साथ कई युवा कवि शामिल है। एक प्रैस विज्ञप्ती में हिमालय संस्कृति, साहित्य एवं पर्यावरण सुरक्षा मंच के अध्यक्ष, एस आर हरनोट ने निशान्त को बधाई देते हुए कहा, “निशान्त के इस सम्मान से जहां प्रदेश के युवा कवि सम्मानित हुए हैं वहां हिमाचल के लिए भी यह गौरव की बात है।”
“हिमाचल के युवा कवियों और कहानीकारों ने जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम दर्ज किया है वह प्रसन्नता और गौरव की बात है।,” हरनोट ने आगे कहा।
इनमें जो युवा, निरन्तर देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में छप रहे हैं उनमें सुरेश सेन निशान्त के साथ केलंग-लाहुल स्पिति से अजय, शिमला से आत्माराम रंजन, ओम प्रकाश भारद्वाज, मोहन साहिल, मुरारी शर्मा, इन्दु वैद्य इत्यादि प्रमुख हैं।
हरनोट कहते हैं, “इन युवाओं की रचनाओं में जहां अपनी मिट्टी और पहाड़ों की तकलीफ बारीकी से दर्ज हुई है वहां सम-सामायिक विषय भी प्रमुखता से आए हैं। इस बात में कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है कि ये युवा अपनी रचनाएं अत्यन्त गंभीरता और जिम्मेदारी समझ कर कर रहे हैं जिसमें इनकी निष्ठा और ईमानदारी झलकती है। यही वजह है कि राष्ट्रीय स्तर पर सुरेश सेन निशान्त और अजय ने जिस शिद्दत के साथ दस्तक दी है वह महत्वपूर्ण है।”
badhai
Comments are closed.