राज्य में शिक्षा क्षेत्र में अनेक आयाम स्थापित

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विख्यात पत्रिका द्वारा करवाये गए देष व्यापी सर्वेक्षण में षिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देष का श्रेष्ठ  राज्य आंका गया है।  प्रदेष सरकार द्वारा राज्य में शैक्षणिक नेटवर्क के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के परिणामस्वरूप यह उपलब्धि हासिल की है।  एक किलोमीटर के दायरे में द्यौक्षणिक संस्थानों की सुविधा, लड़कियों को निःषुल्क षिक्षा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आई. आर. डी.पी. परिवारों के बच्चों को प्रोत्साहन इत्यादि सरकार के ऐसे फैसले हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य शिक्षा के क्षेत्र में  देश का अग्रणी राज्य बना है।

हिमाचल प्रदेश को देश का ÷ज्ञान राज्य’ बनाने के लिए सरकार द्वारा श्रेच्च्ठ संस्थानों को स्थापित करने के लिए ÷हिमाचल प्रदेश निजी विष्वविद्यालय (स्थापना एवं नियामन)  अधिनियम’ शामिल किया है।

हिमाचल प्रदेश, शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों के नामांकन के मामले में श्रेच्च्ठ राज्य के तौर पर भी जाना जाता है।  हमें इस बात पर गर्व है कि राज्य के प्र्राथमिक  एवं माध्यमिक स्तर में विद्यार्थियों  की शतप्रतिशत नामांकन है।  लड़कियों को षिक्षा प्रदान करने के दृच्च्िटगत सरकार द्वारा  इस तरह के नामांकन के लिए अनेक उपाय किए गए ।  इस तरह की मानव आधारित नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेष के युवाओं में लगभग शत-प्रतिशत साक्षरता सुनिष्चित हुई।  राज्य में प्रारम्भिक षिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग से प्रारम्भिक षिक्षा निदेषालय स्थापित किया गया।  प्रारम्भिक षिक्षा तथा उच्च  षिक्षा निदेषालयों के माध्यम  से सरकार द्वारा राज्य में गुणात्मक षिक्षा में सुधार की दृढ़ इच्छा द्याक्ति का पता चलता है।

प्रदेष सरकार द्वारा राज्य में नए, खोले गए कालेज भवनों के निर्माण कार्य को पूरा करने  के लिए  इस वित्त वर्च्च के दौरान ५५ करोड़ रूपये व्यय किए जा रहे हैं।  कालेज अधोसरंचना का समुचित प्रयोग सुनिष्चित बनाने के लिए कालेज में स्व-वित्त  आधार पर रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक प्रषिक्षण पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं।

प्रारम्भिक षिक्षा के महत्व के दृच्च्िटगत, प्रदेष सरकार यू.ई.ई. के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावषाली पग उठा रही है।  इस बाबत, सर्वषिक्षा अभियान (राच्च्ट्रीय कार्यक्रम) का द्याुभारम्भ एक प्रमुख प्रयास है ताकि ६ से १४ वर्च्च की आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को निःषुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा के मौलिक अधिकार को लागू किया जा सके।

राज्य में ÷हरेक को षिक्षा’ के लक्ष्य की प्राप्ति में आषातीत प्रगति हुई हैं ।  इसी प्रकार गुणात्मक षिक्षा के साथ यू.ई.ई. की प्राप्ति के लिए और अधिक कठिन एवं स्थाई प्रयासों की आवष्यकता है।  स्कूलों में स्तरोन्नत सुविधाओं के प्रावधानों के अतिरिक्त प्रदेष सरकार स्कूली बच्चों की पढ़ाई के स्तर पर भी विषेच्च ध्यान दे रही है।  प्रत्येक  बच्चे के बौद्धिक  विकास एवं तर्कषील बनाने के लिए अध्यापकों के लिए भी प्रषिक्षण कार्यक्रम एवं  प्रेक्टिकल नियमित तौर पर आयोजित किए जा रहे हैं।

द्याीषु पूर्व देखभाल तथा ई.सी.सी.ई. एकीकृत द्याीषु विकास योजना (आई.सी.डी.एस.) के महत्वपूर्ण तत्व हैं।  स्वास्थ्य, पोच्चाहार तथा व्यक्तित्व विकास  के लिए ई.सी.सी.ई महत्वपूर्ण भूमिका  निभा रहा है।  प्रदेष सरकार आई.सी.डी.एस. के माध्यम से ई.सी.सी.ई. का कार्यन्वयन सुनिष्चित बना रही है।  वर्तमान में गैर सरकारी संगठन क्षेत्र में १०२ आंगनवाड़ी केन्द्र कार्य कर रहे हैं तथा द्योच्च ७२५२ आंगबाड़ी केन्द्र सरकारी क्षेत्र में कार्यरत है।  सभी केन्द्र द्यातप्रतिषत केन्द्रीय प्रायोजित योजना, आई.सी.डी.एस. के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं।  १,१८,०८२ बच्चे आंगनबाड़ी स्तर पर स्कूल पूर्व षिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।   सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा हर साल प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र को ५०० की दर से ÷प्री-स्कूल किट’ उपलब्ध करवाई जा रही ळें

राज्य को हर प्राथमिक पाठषाला परिसर में आंगनबाड़ी के लिए एक कमरे के निर्माण की स्वीकृति के लिए प्रदेष सरकार द्वारा केन्द्रीय सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि बेहतर निरीक्षण एवं सामुदायिक  देख-रेख  सुनिष्चित हो सके।  इसके अतिरिक्त, गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी भी सुनिष्चित बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के प्रभावषाली कार्यान्वयन के लिए प्रदेष सरकार द्वारा सम्बन्धित विभागों को निर्देष दिए गए हैं।  मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अंतर्गत, प्रदेष सरकार बाल आश्रम में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों को खर्च वहन करेगी परन्तु नई योजना के अन्तर्गत उन्हें व्यावसायिक प्रषक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अनी आजीविका कमा सके।  प्रदेष सरकार  इन बच्चों  की उच्च षिक्षा प्राप्ति के लिए भी सहायता देगी और इन बच्चों के अभिभावकों के समान कार्य करेगी।  मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत ऐसी लड़कियों, जिनके पिता की मृत्यु हो गई है अथवा गंभीर रूप से बीमार हैं तथा उनके परिवार कीआय ७५०० रूपये से अधिक नहीं हैं, को ११०० रूपये विवाह अनुदान के रूप में  उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। प्रदेष सरकार लड़कियों को  निषुःल्क षिक्षा प्रदान कर रही है।  राज्य में भ्रुण हत्या को रोकने के लिए सरकार द्वारा इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना  नाम से नई योजना आरम्भ की है।, जिसके अंतर्गत, ऐसे अभिभावक, जिन्होंने पहली कन्या षिषु के प्ष्चात स्थायी परिवार नियोजन विधि को अपनाया है, को २५००० रूपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सर्व षिक्षा अभियान के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी की सभी लड़कियों को निःषुल्क पाठ्य पुस्तकें  उपलब्ध करवाई जा रही हैं।  इसके अतिरिक्त, राज्य के बाहर प्रदेष  से संबंधित  अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों को प्राथमिक स्तर तक निषुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।  विद्यार्थियों की बेहतर कार्य कुषलता के लिए प्रोत्साहित करने तथा अव्वल  एवं श्रेच्च्ठ विद्यार्थियों, जो अपनी पढ़ाई  को जारी रखने में किन्हीं कारणों से असमर्थ हैं, को अवसर प्रदान करने के दृच्च्िटगत प्रदेष सरकार द्वारा विषेच्च छात्रवृति योजनाएं आरम्भ की गई हैं।  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आई.आर.डी. पी. परिवारों से संबंधित जैसे विषेच्च समूहों के विद्यार्थियों को विषेच्च मेरिट छात्रवृतियां प्रदान की जा रही हैं।

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