शिमला की शिवांगिनी सिंह करेंगी अंटार्कटिका अभियान में हिमाचल का प्रतिनिधित्व

इस अभियान के दौरान पाए गए अनुभव से शिवांगिनी सिंह हिमालय के बदलते पारिस्थितिकी तंत्र पर काम करना चाहती हैं।

3
शिवांगिनी सिंह

शिमला की 23-वर्षीय शिवांगिनी सिंह को क्लाइमेटफ़ोर्स:अंटार्कटिका 2018 एक्सपेडिशन के लिए चुना गया है। इस 13-दिवसीय अभियान का आयोजन धरती की दोनों धुरियों पे जाने वाले प्रथम व्यक्ति — रॉबर्ट स्वान, कैलिफ़ोर्निया (अमरीका) स्थित ‘क्लाइमेटफ़ोर्स’ तथा न्यू यॉर्क (अमरीका) स्थित ‘दी एक्सप्लोरर्स पैसेज’ द्वारा किया जा रहा है। ये अभियान 27 फरवरी, 2018 से 12 मार्च, 2018 तक चलेगा।

सिंह के अनुसार इस अभियान में विश्व भर से करीब 150 लोग भाग लेंगे, करीब 7-8 प्रतिभागी भारत से हैं। हिमाचल से सिंह अकेली महिला व प्रतिभागी हैं।

क्लाइमेटफ़ोर्स: अंटार्कटिका 2018 एक्सपेडिशन में भाग लेने वाली शिवांगिनी सिंह हिमाचल से एकल महिला हैं

हिमवाणी से वार्तालाप के दौरान इस अभियान में चुने जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मैं इस अभियान में भाग लेने को लेकर काफी उत्साहित हूँ। मुझे गर्व है कि मैं अपने गृह-राज्य हिमाचल का इस वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व करुँगी।”

इस अंटार्कटिका अभियान का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, स्थिरता और अंटार्कटिका महाद्वीप के नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र को समझना है। इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के नेताओं को तैयार करना भी है जो लचीले-समुदायों के निर्माण हेतु, रीसाइक्लिंग के प्रचार, अक्षय ऊर्जा, स्थिरता और टिकाऊ व्यवसाय पर विकास नीति का निर्माण कर सकें।

इस अभियान के दौरान पाए गए अनुभव से सिंह अपने घर वापिस आ कर, हिमालय के बदलते पारिस्थितिकी तंत्र पर काम करना चाहती हैं। “मैं जलवायु परिवर्तन के लिए केवल मुखर कार्यकर्ता न बन कर, उसका वैज्ञानिक समाधानों से मुकाबला करना चाहती हूँ,” सिंह ने बताया।

आपको बता दें, सिंह अभी बेंगालुरू में बतौर ऍप्लिकेशन्स डेवलपर कार्यरत हैं। वे शिमला के लोरेटो कान्वेंट व हमीरपुर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की छात्रा रह चुकी हैं। उन्होंने चार सप्ताह का बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स भी किया है।

सिंह को इस अभियान में प्रेरणा कहाँ से मिली? ये पूछे जाने पर उन्होंने कहा:

“मैं बचपन से ही शिमला में पली-बड़ी हूँ, और जब हम शिमला से बाहर निकलते हैं तो पता चलता है कि बाकी जगहें इतनी खूबसूरत नहीं है। समय के साथ शिमला का वातावरण भी बदलता जा रहा है। पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहती थी, इसी लिए मैंने इस अभियान के लिए अपना आवेदन भेजा।”

सिंह ने बताया कि उन्हें उनके विचारों व उनके पर्वतारोहण के अनुभवों की वजह से इस अभियान के लिए चयनित किया गया।

ये राह नहीं आसान

शिवांगिनी सिंह कीअंटार्कटिका की राह आसान नहीं है। इस अभियान के लिए उन्हें 22,000 अमरीकी डॉलर खर्चने होंगे जिसमे विमान का किराया, अभियान शुल्क, कमरे और बोर्डिंग आदि का खर्चा शामिल है। “इस बड़ी राशि को जुटाने के लिए मैं वर्तमान में कुछ संगठनों से बातचीत कर रही हूँ, जो मुझे इस अभियान में भाग लेने में आर्थिक रूप से सहायता कर सकें,” सिंह ने बताया। वे ऑनलाइन क्राउड फंडिंग का भी सहारा ले सकती हैं।

शिवांगिनी सिंह कीअंटार्कटिका अभियान के स्पॉन्सरशिप अवसर जानने के लिया यहाँ पढ़ें। 

Previous articleकैसे क्राउड-फंडिंग द्वारा बंजार एसडीएम् खोल रहे हैं युवाओं के लिए पुस्तकालय
Next articleचिंतनीय: केवल 41.1% हिमाचली माताएं कराती हैं पहले घंटे में स्तनपान
सुजाता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में पत्रकारिता एवं जन संपर्क विभाग से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उन्हें जीवन के मार्मिक पलों को संकलित करना अच्छा लगता है।

No posts to display

3 COMMENTS

Comments are closed.