Choice of candidate for Hamirpur seat continues to dog Congress

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By: Hemant Sharma

लोकसभा के लिए हिमाचल में चुनाव 13 मई को होने हैं। चुनाव के लिए अब बहुत कम समय रह गया है लेकिन हैरानी की बात है कि कांग्रेस अभी तक हमीरपुर संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है। प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर पर इस बार दोनों प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस के बीच मुकाबला कड़ा होने होने की संभावना है। कांग्रेस चार संसदीय सीटों में से तीन सीटों मंडी, शिमला व कांगड़ा सीट पर अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर चुकी है। लेकिन पार्टी द्वारा हमीरपुर संसदीय सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित न करना वास्तव में ही चौंकाने वाली बात है। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस आलाधिकारियों की शुक्रवार देर रात तक कांग्रेस आलाकमान से बैठक भी हुई लेकिन नतीजा शून्य निकला। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, विधानसभा में विपक्ष की नेता विद्या स्टोक्स सहित अन्य आलाधिकारी इस समूह में कांग्रेस आलाकमान से विचार-विमर्श के लिए गए थे।

सूत्रों की माने तो हमीरपुर संसदीय सीट से स्वर्गीय जगदेव चंद ठाकुर के पुत्र नरेंद्र ठाकुर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर सशक्त उम्मीदवार मानते है तथा टिकट के लिए उनकी पैरवी कर रहे हैं। उधर विपक्ष की नेता विद्या स्टोक्स हमीरपुर ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील बिट्टू को टिकट देने के लिए हामी भर रही है। इसके अलावा पूर्व विधायक ओपी रत्न का नाम भी हमीरपुर संसदीय सीट से टिकट के लिए चर्चा में है। कयास चाहे जो भी हो दिल्ली में हुई बैठक में हमीरपुर संसदीय सीट पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया तथा इस कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है। अब सोनिया गांधी ही सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर इस संसदीय सीट पर अंतिम फैसला सुनाएंगी।

सनद रहे कि हमीरपुर संसदीय सीट पर भाजपा का किला भेदने में कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में नाकाम रही है। हाल ही में मई 2008 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर ने कांग्रेंस के प्रत्याशी ओपी रत्न को हरा दिया था, जिसमें ओपी रत्न को केवल 199675 वोट पड़े जबकि भाजपा के अनुराग ठाकुर को 374339 मत डाले गए। इसी प्रकार वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस सीट से चुनाव लड़कर ठाकुर रामलाल को कड़ी शिकस्त दी थी, जिसमें प्रेम कुमार धूमल को 382728 मत पड़े जबकि कांग्रेस के रामलाल ठाकुर को मात्र 303069 वोट पड़े। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस को इस संसदीय सीट भाजपा से मुंह की खानी पड़ी थी। इस बार भाजपा के सुरेश चंदेल ने कांग्रेस के रामलाल ठाकुर को मात दी। इस चुनाव में सुरेश चंदेल को 313243 मत जबकि रामलाल ठाकुर को 311628 मत ही पड़े।

अब देखना यह होगा कि इस बार इस सीट पर कांग्रेस क्या रणनीति अपनाती है।

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