हरनोट की कहानी ‘दारोश’ पर दिल्ली दूरदर्शन द्वारा फिल्म

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हिमवाणी

S R Harnotशिमलाः हिमाचल के प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एस आर हरनोट की बहु-चर्चित कहानी ‘दारोश’ पर दिल्ली दूरदर्शन ने ‘इंडियन क्लासिक्स’ कार्यक्रम’ के लिए फिल्म का निर्माण किया है। यह फिल्म ३० मिनट अवधि की है जिसे चण्डीगढ़ दूरदर्शन के माध्यम्‌ से बनाया गया है।

‘दारोश’ कहानी एस आर हरनोट के बहु चर्चित कथा संग्रह ‘दारोश तथा अन्य कहानियां’ में संकलित है। इस संग्रह को वर्ष २००३ का इन्दु शर्मा अन्तरराष्ठ्रीय कथा सम्मान तथा हिमाचल अकादमी एवार्ड मिल चुके हैं।

‘दारोश’ कहानी जनजातीय क्षेत्र किन्नौर के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश पर आधारित है। ‘दारोश डबडब’ किन्नौर की एक प्राचीन विवाह परम्परा है जिसमें वहां के युवा किसी भी पंसदीदा लड़की को उठाकर ले जाते हैं और बाद में उसका विवाह हो जाता है। किन्नरी भाषा में ‘दारोश’ का अर्थ ‘जोर जबरदस्ती’ होता है। लेकिन कभी-कभार इस परम्परा की आड़ में कुछ शरारती तत्व लड़की का अपहरण कर लेते हैं जिसमें लड़की सहित माता-पिता भी इसके खिलाफ हो जाते हैं। वर्ष १९९१ में निचार तहसील में इसी तरह का एक हादसा हुआ था और वह मामला अदालत तक पहुंच गया। बलात्कार के आरोप में उस युवा को तीन हजार रूपए जुर्माना और चार साल की कैद की सजा सुनाई थी। यही घटना इस कहानी का प्रेरणास्त्रोत रहा है।

इसे शीघ्र ही पहले चण्डीगढ़ और दिल्ली दूरदर्शन से तथा उसके बाद प्रसार भारती के सभी केन्द्रों से रलीज किया जाएगा। चण्डीगढ़ दूरदर्शन केन्द्र में वरिष्ठ प्रोग्राम एग्जेक्यूटिव बिपन गोयल ने इस फिल्म को अपने निर्देशन में तैयार करवाया है। सह निर्देशन अमरीक सिंह, आलोक व बसु शायर ने दिया है तथा फिल्म के निर्माता अश्रफ साहिल है। पटकथा संवाद डॉ० सुषमा ने लिखे हैं। फिल्म में हिमाचल सहित कई जाने माने कलाकारों ने किरदार निभाए हैं जिनमें प्रमुख हैं-प्रवीण चांदला, परमेश, वन्दना ठाकुर, राकेश, डॉ० किमरा, शशि और कृष्णा।

हरनोट हिन्दी के प्रसिद्व व चर्चित लेखक हैं जिन्हें साहित्य के लिए दर्जनों पुरस्कार मिले हैं। ‘दारोश’ कहानी सबसे पहले हंस जैसी विख्यात व प्रतिष्ठित पत्रिका में छपी थी और तभी से चर्चा में थी। इसी कहानी के नाम से जब हरनोट का संग्रह आया तो उसका सबसे पहले प्रख्यात आलोचक डॉ० नामवर सिंह ने नोटिस लिया और दिल्ली दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में चर्चा की। उसके बाद आज तक यह संग्रह चर्चा में हैं जिसकी अब तक लगभग ३० पत्र-पत्रिकाओं में समीक्षाएं छप चुकी हैं। इस पुस्तक पर हिमाचल तथा बाहर के विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कई शोधछात्रों ने एम. फिल तथ पी एच.डी कर ली है। हरनोट का पिछले दिनों आया उपन्यास ‘हिडिम्ब’ भी चर्चा में हैं और उसकी पत्र-पत्रिकाओं में लगाता समीक्षाएं आ रही हैं।

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