चम्बा ज़िला हर तरह से संपन्न हैं। इसलिए इसे बिल्कुल भी पिछड़ा नहीं कहा जा सकता। बस यहां पर मौजूद समस्त संसाधनों का व्यवस्थित ढंग से उपयोग करके, इस ज़िले को प्रगति की राह पर चलाने की जरूरत है। ज़िले में खजियार और डलहौजी के अलावा भी कई ऐसे सुंदर स्थान हैं, जिन्हें पर्यटन के तौर पर विकसित करने की जरूरत है। साथ ही यहां पर धार्मिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। यह तमाम चर्चा शुक्रवार को चम्बा रीडिस्कवर्ड के मंच पर हुई।
इस दौरान ज़िले के विकास को सुझाए गए मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर अगले महीने सरकार को सुपुर्द
करने का भी अहम फैसला हुआ। भूरि सिंह संग्रहालय में चम्बा रिडिस्कवर्ड के मंच पर शुक्रवार को बीस से भी अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा ज़िले के बुद्धिजीवी वर्ग ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
यूं तो इस दौरान काफी वक्ता पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान मुख्य वक्ता के तौर पर कुलभूषण उपमन्यू, विदेशी कैरल गोयल, बलदेव खोसला और महाराज कृष्ण बडयाल ने ही शिरकत की। चर्चा के दौरान चम्बा के नाम पर एक दिन मनाने पर सब ने सहमति दी।
इस दौरान कहा गया कि 8 मार्च को हर साल चंबा दिवस के तौर पर मनाया जा सकता है। चर्चा के दौरान अभी तक इस बारे कुछ तय नहीं हो पाया है। शुक्रवार को चंबा रीडिस्कवर्ड के मंच पर चम्बा जिले को विकास की राह पर चलाने के मसले में कई तरह के मुद्दों पर चर्चा हुई। मसलन चंबा ज़िले की सीमा पर प्रवेश करते ही किसी भी तरह के चम्बा के धार्मिक पर्यटन स्थल के नाम के संदर्भ में कोई सूचना पट्ट होने की बजाय सामने शराब के ठेके के दर्शन होते है जो चिंता का विषय है।
इसके अलावा सरकार की केबिनेट स्तर की बैठक रोटेशन के हिसाब से चंबा जिले में भी आयोजित करवाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई। चंबा रीडिस्कवर्ड के मंच पर हुए इस मंथन की विस्तृत रिपोर्ट मार्च में सरकार को सौंप दी जाएगी। बैठक में सेवा हिमालय के राज्य संयोजक मनुज शर्मा, प्लाह इंफोटेक से नितिन पाल, मोहिंद्र सलारिया, पीसी ओबराय, कपिल शर्मा, मनोज कुमार, जितेंद्र शर्मा, पीसी धामी, धरम चंद, विकास इत्यादि मौजूद रहे।
चम्बा फर्स्ट अभियान से जुड़ें
भारत सरकार द्वारा चंबा को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किये के जाने के बाद, से चम्बयालों द्वारा चम्बा रीडिस्कवर जैसे अभियान यहाँ की सिविल सोसाइटी द्वारा चलाये जा रहे हैं। उनके इस अभियान में हिमवाणी भी चम्बा फर्स्ट (#ChambaFirst) नामक अभियान चलाकर कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रहा है।
यह लेख #ChambaFirst (चम्बा फर्स्ट) अभियान के तहत लिखा गया है। इस अभियान के तहत हम आप तक चंबा के अलग अलग पहुलओं को लाते रहेंगे। हमारा प्रयास रहेगा की हम जनता के विचार एकत्रित कर, चम्बा को पिछड़ेपन के खिताब से मुक्त कराने हेतु, चम्बा रीडिसकवर्ड के साथ मिल कर एक श्वेत पत्र लाएं जिसमें चंबा के विकास के लिए विचार प्रस्तुत होंगे।
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