कमी नी कुधेरी चम्बे बीच मेरे हाणी।
सब किछ ता है इते बाण हो चाहे पाणी।।
माणहु बथेरे अते गप्पा बथेरी मेरे हाणी।
पर अपणी वाज बी ता पूणी बझिये रे कना च पुजाणी।।
दफ्तर जगहा जगहा दिते खोली मेरे हाणी।
पर तिते अफसर/बाबू हिना की नि हिना ऐ गल कुनी लाणी।।
पांगी बिच पंग्वाल रुंदे चम्बे बिच चम्ब्याल मेरे हाणी।
भला से सुरंग ते समींटे री फैक्ट्री कधैड़ी ते लाणी।।
डाक्टर बी लगी पे अबे ता इते बणना हाणी।
अबे ऐ बी दसी देया जे से बिल्डिंग कदी जो बणाणी।।
हंडणा फिरना मौजू लैणा लोक आण इते जो हाणी।
पर तिन्हा ताईं छैल अते चौड़ी बता बी ता पूणी बणाणी।।
कणक ते कुकड़ी हुंदी नी पूरी माणी मेरे हाणी।
सिंयुल, कोदरा कने झिंझण छडी बैठे बाणी।।
बिजली दिंदा राविये दा पाणी मेरे हाणी।
पर लैटा बारी ठगदे चम्ब्याला जो जाणी-जाणी।।
होर ई होर गला री पाई रखे री है घाणी मेरे हाणी।
जे पिछड़े होणे दा कलंक धोणा तां ऐ घाणी पैणी असां जो मुकाणी।।
मुंडे कने कुड़ियां बी पैणी अबे पढ़ाणी मेरे हाणी।
इनाँ कुड़ियां ने ही ता म्हारे चम्बे दी लीला लाणी।।
नशे बीच डूबी जांगी जे म्हारी ऐ जिन्दगी मेरे हाणी।
ता फिरि असी कियाँ करी चम्बे बिच रौनकां लाणी।।
मेरा मेरा करदे कियां चम्बे री किस्मत चमकाणी मेरे हाणी।
एही सोच हुंदी ता कीजो अपनी जान गवांदी सुई वाली राणी।।
हुंगे नी जे असी इक ता कियां चम्बे से चिड़ि बणाणी मेरे हाणी।
आज ता ऐ सहाब है जे मैं राणी तु राणी कुण करे गोआ पाणी।।
चौगान चम्बे बीच बारगा चम्बे बिच मेरे हाणी।
फिरि बी खेडा अंदर कीजो असी नी खटदे अठानी।।
अपने गुज्जर भाईयां का बांध नी लाणी मेरे हाणी।
भले पैक्टा रा दूध पी लैणा जियां चिटा पाणी।।
बणा बिच म्हारे हुंदी जड़ी बूटी बेभा मेरे हाणी।
पर तितका असी चजा कने कोई ओउनण नी कमाणी।।
सारी बूटी बुटी बुटी भू ये रे मुले बन्ने पार पुजाणी मेरे हाणी।
पर तिन्हा ताईं सुरा कने परमट कदी नी बनाणी?
जुम्हारा ते सरारा रा ता सुकी गेया सारा पाणी मेरे हाणी।
अबे दिखदे जे खज्जियारा री बारी कधैड़ी ते आणी।।
इक गाल गलंदा युद्धवीर गौर कने सुण मेरे हाणी।
अपणी कमी चायेदी मुकाणी पर भूली करी बी ऐ नि लुकाणी।।
जय हिन्द!
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भारत सरकार द्वारा चम्बा को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किये के जाने के बाद, से चम्बयालों द्वारा चम्बा रीडिस्कवर जैसे अभियान यहाँ की सिविल सोसाइटी द्वारा चलाये जा रहे हैं। उनके इस अभियान में हिमवाणी भी चम्बा फर्स्ट (#ChambaFirst) नामक अभियान चलाकर कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रहा है।
यह कविता#ChambaFirst (चम्बा फर्स्ट) अभियान के तहत लिखी गई है। इस अभियान के तहत हम आप तक चम्बा के अलग अलग पहुलओं को लाते रहेंगे। हमारा प्रयास रहेगा की हम जनता के विचार एकत्रित कर, चम्बा को पिछड़ेपन के खिताब से मुक्त कराने हेतु, रीडिसकवर चम्बा के साथ मिल कर एक श्वेत पत्र लाएं जिसमें चम्बा के विकास के लिए विचार प्रस्तुत होंगे।
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