पहाड़ी संस्कृति, चुनौतियों पर होगी पालमपुर में कार्यशाला

कार्यशाला पिछले पांच वर्षों से की जा रही है, और इसमें हर साल नेपाल, उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों के युवक भाग लेते हैं।

हिमालय की छाँव में रहने वाले पहाड़ी लोग किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं, इस पर पालमपुर में एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। 7 फरवरी से 14 फरवरी तक चलने वाली ‘पहाड़ और हम: रीथिंकिंग डेवलपमेंट इन द हिमालयाज़’ नामक कार्यशाला का आयोजन पालमपुर की संभावना संस्थान द्वारा किया जा रहा है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पहाड़ों के विकास के मॉडल पर चर्चा, व उस मॉडल का हमारे जंगलों, खेती व जलवायु पर प्रभाव, क्षेत्र में जातिवाद, महिलाओं पर की जाने वाली हिंसा व लैंगिक भेदभाव जैसे विषयों पर खुल के चर्चा करना है।

संभावना संस्थान के कार्यकर्ता, शशांक ने हिमवाणी से बातचीत में बताया कि ये कार्यशाला पिछले पांच वर्षों से की जा रही है, और इसमें हर साल नेपाल, उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों के युवक भाग लेते हैं।

कार्यशाला में भाग लेने वाले युवाओं की आयु सीमा 22-35 वर्ष निर्धारित की गयी है, और वर्ष 20 से ऊपर युवक इसमें भाग लेते हैं।

शशांक ने बताया:

“इस कार्यशाला का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम दूसरे क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं के बारे में जान पाते हैं और वो उन समस्याओं का कैसे सामना कर रहे हैं। ये जानकारी हम फिर अपने क्षेत्र में भी लागू कर सकते हैं।”

उनके अनुसार ये कार्यशाला काफी सराही गयी है, ख़ास कर की उन पहाड़ी लोगों द्वारा, जो प्रदेश से बाहर रहते हैं। “पिछले पांच वर्षों में हमारा अनुभव रहा है कि कार्यशाला में काफी ऐसे पहाड़ी लोग हिस्सा लेते हैं जो अपने रहते हैं और वो अपने प्रदेश के लिए कुछ करना चाहते हैं। वो इस कार्यशाला के द्वारा न केवल अपने क्षेत्र के लिए काम मिलता है, अपितु दूसरे लोगों से जुड़ने का भी मौका मिलता है।” शशांक ने बताया।

इस कार्यशाला में भाग लेने का शुल्क रुपये 2,000 है और आखरी तारीख 20 जनवरी, 2018 है।

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मीनाक्षी शर्मा एक उभरती हुई लेखिका और पत्रकार हैं। वे अभी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, से पत्रकारिता एवं जन संपर्क विभाग से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। वे अति संवेदनशील हैं और प्रकृति के समीप रहना चाहती हैं।

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21 COMMENTS

  1. Another compliment to you meenakshi . It’s just about finding the way to write best. You found a way to combine letters and words to make it sound like you know what you are talking about. Trust me, you gonna touch the sky.
    God bless you

  2. Really appreciating dear…
    Keep going untill u touch the star…i wish u will achieve everything wat u want….best wishes from my side…

  3. Nice article.. Its a very sensitive issues dear Meenakshi, even i have seen many cultural changes in the past few decades. …it must be properly addressed. Thanks for sharing this

  4. Very interesting, good job and thanks for sharing such a good article.you’re doing a great job.keep it up

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