कैसे क्राउड-फंडिंग द्वारा बंजार एसडीएम् खोल रहे हैं युवाओं के लिए पुस्तकालय

देवगन ने इस पुस्तकालय में अगले सप्ताह तक 1,000 पुस्तकें रखने का लक्ष्य रखा है।

केवल चित्रण प्रयोजन हेतु

कुल्लू जिला के बंजार सब-डिवीज़न में एसडीएम के पद पर कार्यरत आईएएस अधिकारी अपूर्व देवगन ने क्षेत्र के युवाओं के लिए पुस्तकालय खोल कर यहाँ के लोगों का मन मोह लिया है। इस पुस्तकालय के संचालन व इसके नवीनीकरण, पूर्वावश्यकता, किताबों व कम्प्यूटरों से लैस करने हेतु उन्होंने अब ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग का सहारा लिया है।

क्राउड-फंडिंग, किसी नेक काम के लिए धन इकठ्ठा करने का काफी पुराना तरीका है, परन्तु इंटरनेट के आ जाने से आप ऑनलाइन जा कर दुनिया भर तक अपनी योजना को पहुंचा सकते हैं और दुनिया भर से धन एकत्रित कर सकते हैं।

देवगन ने ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग मंच ketto.org का सहारा लिया है, जहाँ पर वे ₹100,000 जोड़ना चाहते हैं। इस लेख के छपने के समय तक वे करीब ₹80,000 जोड़ चुके हैं। इस ऑनलाइन मुहीम को अभी भी आठ दिन शेष हैं, और देवगन को उम्मीद है कि वे जल्द ही ये आंकड़ा पार कर जायेंगे।

ketto.org पर बंजार के एसडीएम द्वारा चलाए गए क्राउड-फंडिंग अभियान की झलक

ketto.org पर बंजार के एसडीएम द्वारा चलाए गए क्राउड-फंडिंग अभियान की झलक

हिमवाणी को देवगन ने बताया कि स्थानीय युवाओं से बातचीत के बाद उन्हें छात्रों की अच्छी शिक्षा व नौकरी के लिए सामना करने वाली समस्याओं के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, “यहाँ के बच्चे प्रसिद्ध कॉलेजों में प्रवेश पाने का सपना तो देखते हैं, परंतु उनके पास पढ़ने के लिए सार्वजानिक पुस्तकालय व कमरों का कोई प्रावधान नहीं है। इसीलिए मैंने बंजार में एक सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने का निर्णय लिया।”

आपको बता दें कि पिछले तीन महीने से बंजार में कार्यरत देवगन ने बंजार के एसडीएम ऑफिस में स्थित रेवेनुए हट में ही दो कमरों में पुस्तकालय खोल दिया है, जहाँ पर युवाओं के बैठने की क्षमता लगभग 40 से 50 तक है।

उन्होंने बताया कि किसी और तरह से जगह का प्रयोग करने से अच्छा है, इसे बंजार के लोगों के भविष्य के लिए लगाया जाए।

अपूर्व देवगन

अपूर्व देवगन

29-वर्षीय, 2015 के आईएएस बैच के देवगन इस पुस्तकालय में मुख्य रूप से तीन प्रकार की किताबें रखना चाहते हैं। साहित्य और जीवनियों में वे अब तक प्रेमचंद, अब्दुल कलाम, राधा कृष्णन व इंदिरा गाँधी की कुछ पुस्तकें रख चुके हैं । दूसरी तरफ, उन युवाओं के लिए भी पुस्तकें रखी जाएंगी जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं — जैसे मैडिकल एंट्रेन्स, लॉ एंट्रेन्स, यूजीसी व नैट। गयारहवीं व बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी पुस्तकें रखी जाएँगी।

देवगन ने इस पुस्तकालय में अगले सप्ताह तक 1,000 पुस्तकें रखने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान को चलाने के लिए उन्होंने इंटरनेट का सहारा चुना क्योंकि सरकारी मदद में काफी समय लग सकता है।

“ऑनलाइन अभियान का दूसरा फायदा यह भी है कि इससे विदेश में बैठे लोग भी अपना अनुदान दे सकते हैं। यहाँ तक कि उन लोगों ने भी हमारी मदद की है जिनसे मैं आज तक नहीं मिला हूँ,” उन्होंने कहा।

उनका कहना है कि वे स्वयं एक छात्र रह चुके हैं और अपने आईएएस का सपना सार्वजानिक पुस्तकालयों में पढ़ कर पूरा किया है, और वे पुस्तकालयों का महत्त्व समझते हैं। आपको बता दें कि देवगन दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स व पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रह चुके हैं।

इस पुस्तकालय के रखरखाव व संचालन हेतु एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें बंजार नगर पंचायत के सचिव, बंजार के तहसीलदार, व बंजार के गवर्मेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य शामिल हैं। “प्रधानाचार्य जी को हमने कमेटी का अध्यक्ष चुना है, क्योंकि आने वाले समय में पुस्तकालय में रखने वाली किताबों का वे चयन कर सकते हैं,” बंजार के एसडीएम ने कहा ।

देवगन सोचते हैं यदि वे लक्ष्य से अधिक राशि जुटा पाने में सक्षम होते हैं तो वे पुस्तकालय में कंप्यूटर शिक्षा भी प्रदान कराना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “हम भविष्य में एक कंप्यूटर शिक्षक रखने की योजना भी बना रहे हैं। फिलहाल बजट के अभाव में ये मुहीम किताबों तक ही सीमित है।”

बंजार के एसडीएम ऑफिस में स्थित रेवेनुए हट में ही दो कमरों में पुस्तकालय खोल दिया गया है

बंजार के एसडीएम ऑफिस में स्थित रेवेनुए हट में ही दो कमरों में पुस्तकालय खोल दिया गया है

देवगन अपनी काफी सारी किताबें दान कर चुके हैं। “मेरा मानना है कि रद्दी में बेचने से अच्छा है हम किताबें उन बच्चों को दें जिन्हें उनकी अधिक आवश्यकता है,” देवगन ने कहा।

अगर आप भी देवगन के इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं, तो आप इस लिंक द्वारा अपना योगदान दे सकते हैं। यदि आप अपनी कोई पुस्तकें इस पुस्तकालय को भेंट करना चाहते हैं, तो आप एसडीएम के नाम उनके दफ्तर बंजार भेज सकते हैं। यदि आप शिमला में हैं और अपनी पुस्तकें पुस्तकालय को भेंट स्वरुप देना चाहते हैं तो आप इस लेख की लेखिका को भी कांटेक्ट पेज द्वारा संपर्क कर सकते हैं। सन्देश में अपना नाम, ई-मेल और फ़ोन नंबर लिखना न भूलें।

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मीनाक्षी शर्मा एक उभरती हुई लेखिका और पत्रकार हैं। वे अभी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, से पत्रकारिता एवं जन संपर्क विभाग से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। वे अति संवेदनशील हैं और प्रकृति के समीप रहना चाहती हैं।

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18 COMMENTS

  1. Writing comes easy to others, but not to some. It is a task that is usually considered as a hassle and people seem to develop a hatred for it after a few failed essays. But you have learned that it can be an easy way to express your feelings, and the feelings of others. Good job.
    Stay blessed.

  2. Adesh Adesh.. Thats good initiative by Mr Devgan .. Young people must also respond to this. Nice article by Meenakshi stay blessed. Keep writing and inspiring the youung generation

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