By: Rahul Saxena
नालागढ़ मे जयप्रकाश असोसिएट्स के सीमेन्ट व थमर्ल प्लान्ट के मामले में केन्द्र व प्रदेश सरकार की अनीयमितताओं की अनदेखी के विरोध में स्थानीय संगठन हिमपरिवेश द्वारा एक रैली का आयोजन किया गया। ज्ञात रहे कि जयप्रकाश द्वारा नालागढ़ तहसील में बघेरी के नजदीक टिकरी गांव में २ मिलियन टन क्षमता के सीमेन्ट प्लान्ट व ३० मेगावाट के थर्मल प्लान्ट का निमार्ण किया जा रहा है। इस परियोजना के पर्यावरण तथा पानी पर होने वाले प्रभाव के चलते इस इलाके की जनता इसे दो बार सरकार के द्वारा करवाई गई जनसुनवाई में नकार चुकी है परन्तु फिर भी सरकार द्वारा परियोजना स्थल पर निर्माण कार्य नहीं रोका गया। थर्मल व सीमेन्ट प्लान्ट पर चल रहा यह काम जयप्रकाश असोसिएट्स को दिये गए कम क्षमता के एक सीमेन्ट प्लान्ट की आड़ में कम्पनी चलाती रही जबकी मौजूदा परियोजना को न तो पर्यावरणीय स्वीकृति मिली थी व न ही परियोजना स्थल की जमीन उसके नाम थी। यह जमीन नॉन अलाटेबल पूल की शामलात भूमि है जिसे इस प्रकार की परियोजना के लिए हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। भूमि को पहले अलॉटेबल पूल मे बदला गया और फिर उसे उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। कुछ समय पूर्व की जानकारी के अनुसार यह जमीन उद्योग विभाग के नाम ही थी। उद्योग द्वारा की जा रही अनीयमितताओं के सम्बंध में सरकारी कार्यवाही की कमी को देखते हुए एक स्थानीय प्रधान हरभजन सिंह ने पिछले महीने प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस के चलते कोर्ट ने इस परियोजना के कार्य पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कम्पनी ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी जिसने ६ दिनों के अन्दर दो सुनवाइयां करते हुए कम्पनी के काम पर से हाई कोर्ट के द्वारा लगाया स्टे हटा दिया था। इसी मौके का फायदा उठाते हुए कम्पनी ने इस महीने की १४ तारीख को सीमेन्ट प्लान्ट का उद्घाटन कर दिया था। इस सारे प्रकरण पर रोष जताने के लिए ही आज की रैली का आयोजन किया गया था।
रैली हिन्दू सराय, नालागढ़ से चल कर बाजार होते हुए एस डी एम ऑफिस पहुंची जहां पर लोगों ने एस डी एम के मार्फ+त मुख्यमंत्री श्री धूमल के नाम एक मेमोरैन्डम दिया जिसके द्वारा उनसे इस उद्योग पर उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है। रैली में उपस्थित जनता को नालागढ़ की बी डी सी अध्यक्षा श्रीमति सोमा देवी, नालागढ़ विधान सभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रधान श्री कैप्टन सिकंदर सिंह, नालागढ़ के भूतपूर्व बी डी सी उपाध्यक्ष श्री सन्त राम, प्रधान ग्राम पंचायत जोगों श्री कर्म सिंह, ग्राम पंचायत कोल्होवाल के भूतपूर्व प्रधान श्री तेजा सिंह तथा स्थानीय संस्था हिमपरिवेश के अयक्ष श्री जगजीत सिंह दुखिया ने सम्बोधित किया। सभी लोगों का यह कहना था कि यह जमीन लोगों की है तथा स्थानीय जनता इस जमीन का कम्पनी को हस्तांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देगी और उसे वापस लेकर रहेगी।
रैली को भाखड़ा विस्थापित संगठन के श्री नंद लाल शर्मा, गगरेट से मातृभूमि संघर्ष समिति के श्री नरेन्द्र परमार तथा हिमालय नीति अभियान के संयोजक श्री गुमान सिंह ने भी सम्बोधित किया। नरेन्द्र परमार का कहना था कि जिस प्रकार गगरेट के लोगों ने एकजुट हो कर स्किल कम्पनी के विशेष आर्थिक क्षेत्र की परियोजना को खारिज करवा दिया उसी प्रकार नालागढ़ की जनता भी इस उद्योग को बन्द करवा सकती है। गुमान सिंह का कहना था कि क्योंकि परियोजना स्थल पर सारा निर्माण नियमों के उल्लंघन करके हुआ है, सारे निर्माण को गिरा देना चाहिए। गुमान सिंह ने यह भी कहा कि प्रदेश में दोनो सरकारें औद्योगिक पैकेज को प्रदेश में लाने का श्रेय लेती हैं परन्तु हम इस औद्योगिक पैकेज के बिना ही बेहतर थे। जहां एक ओर सरकारी दावों के बावजूद औद्योगिक क्षेत्रों मे हिमाचलियों को अपेक्षा से बहुत कम संख्या में रोजगार मिला है, वहीं पर हमारी हजारों हैक्टेयर खेतीयोग्य भूमि या वन भूमि हस्तांतरित हुई है तथा उद्योगों के द्वारा हमारी जमीन तथा पानी के स्त्रोतों में जहरीला कचरा डाला जा रहा है। उन्होने कहा हिमालय नीति अभियान विकास का विरोधी नहीं है बशर्ते विकास स्थानीय पर्यावरण, परिस्थितियों व स्थानीय जनता के अनुकूल हो। अगर आज प्रदेश को किसी पैकेज की आवश्यकता है तो वह प्रदेश के छोटे उद्योगों, कामगारों व किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने वाले पैकिज है न कि प्रदेश के लोगों का पेट काट कर बडे+ उद्योगपतियों की तिजोरियां भरने वाला पैकेज।