हेमंत शर्मा
शिमलाः हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गए हैं। दो दिन पूर्व ही सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के पास सभी मंडलों के फील्ड से ऐसी रिपोर्ट पहुंची है। सभी मंडलों के मुख्य अभियंताओं द्वारा सबमिट की गई ऐसी रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती गर्मी के कारण ऊना, सिरमौर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, बिलासपुर के कई क्षेत्रों का भूमिगत जलस्तर घट गया है। पेयजल किल्लत ऐसे क्षेत्र में चरम पर है।
ऐसे में कई उठाऊ पेयजल योजनाएं सूखने की रिपोर्ट भी विभाग को मिली है। कई परंपरागत स्रोत भी ठंडे पड़ने की सूचना विभाग को फील्ड से मिली है। कई विभागीय अधिकारियों ने कुछ भी इस संबंध में बताने से अपने होंठ सिल लिए हैं। राय की ऐसी सूरत देखते हुए पत्र संख्या आईपीएच-पीएच-ड्राऊट2009 315-37 के अधीन विभाग के इंजीनियर इन चीफ ने राय के सभी चीफ इंजीनियरों को आदेश दिए हैं कि अपने क्षेत्र में पेयजल किल्लत को लेकर प्रभावी कदम उठाए जाएं। टैंकरों की व्यवस्था पानी की मांग को लेकर तत्काल प्रभाव से मुहैया करवाई जाए। तीस अप्रैल 2009 को जारी ऐसे फरमान में इंजीनियर इन चीफ ने यह भी आदेश दिए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि रायवासियों को शुध्द पेयजल मुहैया हो। साफ पानी न मिलने के कारण पीलिया, हैजा, टाइफाइड, आंत्रशोथ जैसी जानलेवा बीमारियां पसर सकती है। विभाग के पुख्ता सूत्रों का कहना है कि अभी तक 8178 से लेकर 8200 शिकायतें पानी की कमी को लेकर विभाग के पास पहुंची है।
ई-समाधान से ऐसी शिकायतें विभाग के पास राय भर से पहुंची हैं। राय तथा जिला स्तरीय गठित नोडल एजेंसियों के पास पेयजल समस्याओं को लेकर भी इतनी ही शिकायतें पहुंची हैं। पानी की किल्लत से झगड़ों के मामले भी राय में बढ़ गए हैं। सात मार्च से हिमाचल प्रदेश में पेयजल किल्लत को लेकर समस्याओं का रिकार्ड कायम करने तथा निपटारे को लेकर विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं को आदेश थमाए हैं। तीस अप्रैल को ऐसी शिकायतों के पिटारे खुलने समेत ट्राऊट हिट की रिपोर्ट आईपीएच निदेशालय पहुंची है।
सूचना है कि आईपीएच मंत्री को भी इस संबंध में अवगत करवाया गया है। इसके बाद ही विभागीय निदेशालय को आईपीएच मंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पानी की कमी को लेकर रोजाना रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाए। रोजाना फील्ड से भी रिकार्ड मंगाया जाए। शाम को ऐसी तमाम सूचना से अवगत करवाया जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में भूमिगत पानी की उपलब्धता कुल भूमिगत जलस्रोत के रूप में 0.03660 हैक्टेयर मीटर प्रति वर्ष है।
घरेलू औद्योगिक एवं अन्य क्षेत्रों के लिए इसमें से 19.9 प्रतिशत है। सिंचाई के लिए 80.0 प्रतिशत पानी भूमिगत पानी की उपलब्धता से है। भूमिगत जलस्रोतों का दोहन सिर्फ 18.1 प्रतिशत ही आईपीएच विभाग कर पाया है। अब राय में गर्मी का पारा 40 डिग्री कई क्षेत्रों में पार कर जाने के चलते भूमिगत जलस्तर में कमी हो गई है। दूसरी ओर तीस अप्रैल को आईपीएच इंजीनियर इन चीफ आरके शर्मा ने उपरोक्त पत्र संख्या में कबूला है कि गर्मी के मौसम में पेयजल की कमी चरम पर है। राय में इस मौसम में यह स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। इसी पत्र में लिहाजा सभी मुख्य अभियंताओं को सूचित किया गया है कि विभाग के पास पहुंची शिकायतों का निपटारा दस मई से पहले-पहले कर दिया जाएगा। रोजाना पहुंच रही शिकायतों का समय पर निपटाया जाए।