हेमंत शर्मा
शिमलाः लोकसभा चुनाव को लेकर चंबा सीमा में तैनात आईआरबी की बटालियनों को नहीं हटाया जाएगा। देश में 50 आतंकवादियों के घुसने की खबर के बाद राय पुलिस विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ-साथ चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए हरियाणा से मिलने वाली तीन बटालियनों को लेकर भी संशय बना हुआ है।
हालांकि विभाग ने अंदेशा जताया है कि उन्हें तीन बटालियनें मिल जाएंगी, लेकिन हरियाणा सरकार से इसको लेकर अभी हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में विभाग द्वारा एनसीसी कैडेटों की सहायता भी ली जा सकती है। देखा जाए तो लोकसभा चुनाव के दौरान राय पुलिस विभाग को हर पोलिंग बूथ पर सुरक्षा पहरा रखना मुश्किल हो सकता है। इसके पीछे मुख्य कारण व्यापक जवानों की संख्या का न होना है। केंद्र सरकार से पैरामिलीट्री फोर्स न मिलने से विभाग की दिक्कतें बढ़ गई हैं। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा पैरामिलीट्री फोर्स न दिए जाने के बदले सुझाव दिया गया था कि चंब बॉडर पर तैनात कंपनियों की सहायता पुलिस लोकसभा चुनावों के लिए ले सकती है, लेकिन बिगड़ते हालात में चंबा जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र से फोर्स को हटाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में राय पुलिस विभाग लोस चुनाव को लेकर असमंजस में पड़ गया है। देखा जाए तो राय में होने वाले चुनाव को लेकर पुलिस विभाग द्वारा केंद्र सरकार से 70 पैरामिलीट्री फोर्स की मांग की गई थी।
इसके साथ-साथ चुनाव के लिए बनाई गई रणनीति के तहत 9250 गृहरक्षक सहित 7500 पुलिस जवानों की तैनाती की जानी थी, लेकिन केंद्र सरकार से एक भी पैरामिलीट्री फोर्स न मिलने से विभाग की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इसको लेकर यह भी निर्णय लिया गया था कि चंबा बॉडर पर तैनात आईआरबी थर्ड की तीन कंपनियों का सहारा लोकसभा चुनाव के लिए लिया जाएगा। अब जबकि लोकसभा चुनाव सिर पर है तो वहीं पुलिस विभाग ने अब चंबा बॉडर से कंपनियां न हटाने का निर्णय लिया है। इसके पीछे जहां सुरक्षा का तर्क दिया जा रहा है वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान किस तरह से हर पोलिंग बूथ पर पुलिस का पहरा रखा जाएगा, इसको लेकर विभाग की रणनीति भी स्पष्ट नहीं है। देखा जाए तो हाल ही में खुफिया एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट सौंपी गई है कि देश में 50 आतंकवादी घुसपैठीय घुसे हैं।
ऐसे में जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के साथ लगती चंबा की सीमाओं से सुरक्षा बल को हटाने की गलती विभाग भी नहीं करना चाहता है। अगर राय पुलिस विभाग को हरियाणा से तीन बटालियनें मिल जाती हैं तो लोकसभा चुनाव के लिए खल रही जवानों की कमी पूरी हो सकती है। हालांकि विकल्प के तौर पर एनसीसी कैडेटों की सहायता ली जा सकती है, लेकिन व्यापक टे्रनिंग न होने के चलते लोकसभा चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर एक समझौता भी साबित हो सकता है। ऐसे में विभाग अब जवानों की खलती कमी को पूरा करने में जुट गया है। इसको लेकर अन्य राय से भी संपर्क साधा जा रहा है। एसआर मरढी, आईजी लॉ एंड ऑर्डर के अनुसार चंबा बॉडर में तैनात कंपनियों को नहीं हटाया जाएगा। हरियाणा से तीन बटालियनें लोस चुनाव के लिए मांगी गई है। एनसीसी कैडेटों की सहायता ली जाएगी, यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।