हिमाचल के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं होगी हाईटैक

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हेमंत शर्मा

शिमलाः हिमाचल प्रदेश की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं को अब हाईटैक किया जाएगा। अब वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में उपयोग होने वाले श्यामपट्टों की जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने सूचना संचार तकनीकी परियोजना जिसकी लागत लगभसग 42 करोड़ को स्वीकृति प्रदान कर दी है। परियोजना के अंतर्गत अगर सरकारी योजना सही दिशा में लागू हुई तो बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में ब्लैकबोर्ड का झंझट नहीं रहेगा। इसके तहत स्कूलों में विशेष प्रयोगशालाएं बनाई जाएगी और कंप्यूटर के माध्यम से विषय पढ़ाए जाएंगे। इस परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए शिक्षा विभाग स्टेट काउंसिल ऑॅफ एजूकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) सोलन से सहयोग ले रहा है और पढ़ाने की सामग्री तैयार की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक एससीईआरटी ने विभिन्न विषयों के विषय चयनित कर शिक्षा निदेशालय को भेज दिए है। निदेशालय स्तर पर भी इसे लागू करने के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। योजना के तहत प्रदेश के सभी 1220 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में लैब स्थापित कर छात्रों को कंप्यूटर के माध्यम से अध्यापन कार्य करवाया जाएगा। योजना के पहले चरण में इसे प्रदेश के 628 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। स्कूलों में कंप्यूटर हार्डवेयर की लैब तैयार की जा रही है। योजना के तहत विभिन्न विषयों को कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। साथ ही स्कूलों में इंटरनेट व दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके साथ ही कंप्यूटर लैब में एलसीडी प्रोजेक्टर व स्कैनर लगाए जाएंगे। पठन-पाठन की सामग्री को तैयार करने के लिए एससीईआरटी सोलन को जिम्मा सौंपा गया है। एससीईआरटी ने टॉपिक तैयार कर निदेशालय को भेज दिए है। योजना को लागू करने के लिए पहले प्रत्येक स्कूल से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। उसके बाद स्कूल के अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे विद्यार्थियों को सही ढंग से अध्यापन कार्य करवा सकें। उच्च शिक्षा निदेशक ओपी शर्मा का कहना है कि पहले चरण में यह प्रोजेक्ट 628 स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में हार्डवेयर लगाया जा रहा है। दूसरे चरण में शेष स्कूलों में लैब स्थापित की जाएगी। उनका कहना है कि आईसीटी प्रोजेक्ट को स्कूलों में लागू करने के लिए प्रोसेस शुरू है। लैब स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित होगी। उसके बाद मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

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  1. हिमाचल प्रदेश की पाठशालाओं को हाई टेक किया जा रहा है एक अच्छी खबर हैं. प्रदेश की पाठशालाएं इस माध्यम से शिक्षा जगत में निरंतर आ रहे परिवर्तनों के द्वारा विध्याथीयों को एक उचित मंच प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी !

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