पॉलीहाउस लगाने को पहुंचे करीब 800 आवेदन

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हेमंत शर्मा

शिमला: प्रदेश के विभिन्न जिलों से अभी तक पॉलीहाउस निर्माण के लिए लगभग आठ सौ आवेदन कृषि विभाग के पास पहुंच चुके हैं तथा आवेदन प्रक्रिया जारी है। राज्य में आवेदन के मामले में अभी तक हमीरपुर जिला सबसे अग्रणी है। इस जिले से अभी तक 350 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। शिमला जिला से अभी तक केवल 5 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। इसी तरह बिलासपुर जिले से 116, कुल्लू से 120, ऊना से 25, किन्नौर से 7, सोलन से 39, शिमला से 5, चंबा से 40 तथा कांगड़ा से 5 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जानकारी के अनुसार कांगड़ा जिला से सादे कागज पर पहले 950 आवेदन प्राप्त हो चुके थे लेकिन बाद में विभाग के दिशा-निर्देशानुसार कंप्यूटरीकृत परफोरमे पर आवेदन मंगवाए गए।  प्रदेश सरकार की यह परियोजना आगामी चार वर्षों तक पूरी हो जाएगी जिसपर तीस हजार पॉली हाऊसों के निर्माण  कर कृषि की आधुनिक तकनीक के द्वारा नकदी फसलों का उत्पादन सुनिश्चित बनाने या जाएगा, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने 155 करोड़ रुपये की कृषि परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।

दिसंबर माह में शुरू की गई इस परियोजना की कुल लागत में से 117.32 करोड़ रुपये किसानों को उपदान के रूप में प्रदान किये जाएंगे, जबकि 37.60 करोड़ रुपये का खर्च लाभार्थियों को उठाना होगा ।

इस परियोजना में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई प्रणाली के साथ पॉली हाऊस का निर्माण किया जाएगा, जिन्हें कृषि विभाग के माध्यम से स्थापित किया जाएगा।  इस परियोजना में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई सुविधाओं को उपलब्ध करवाने पर विशेष बल दिया जाएगा, जिसके लिए किसानों को 1000 वर्ग मीटर तक 80 फीसदी उपदान उपलब्ध करवाया जाएगा तथा 20 फीसदी का अंशदान लाभार्थियों द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसानों को इन पॉली हाउसों के लिए जल संसाधनों के सृजन के लिए 50 फीसदी वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इन जल संसाधनों में फार्म यैंक्स, शैलो वैल्स, पम्पिंग वैल्स, पम्पिंग सैट्स, स्माल वॉटर लिफ्ंटिग सोर्सिस इत्यादि शामिल हैं। कुल 2650 टैंक, वैल एवं पम्पों का निर्माण किया जाएगा तथा इस पर होने वाले व्यय को लाभार्थी तथा प्रदेश सरकार दोनों व्यय को समान रूप से वहन करेंगे।

परियोजना अवधि के दौरान, इन पॉली हाउसों में  14.70 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में माईक्रो सिंचाई प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। क्षेत्र एवं स्थल के अनुरूप, विभिन्न माडलों के पॉली हाऊस, जिनमें स्थानीय सामग्री से निर्मित कम लागत के पॉली हाउस तथा स्टैण्डर्ड मैटीरियल से निर्मित मध्यम लागत के पॉली हाऊस शामिल हैं, का निर्माण किया जाएगा।  इस परियोजना अवधि के दौरान गभग 6000 युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसके अलावा, इन पॉली हाउसों के निर्माण में विशेषज्ञों की देखरेख में 1000 ग्रामीण कारीगरों की सेवाएं ली जाएंगी।

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